Wednesday 10 April 2013

जिंदगी का फलसफ़ा

ज़िंदगी हारना आसान है जीना कठिन।
जीवन एक आग का दरिया है ,
पार कर जाना थोड़ा कठिन है ,
पर असंभव नहीं ।

कहीं फूल खिले है ,
तो कहीं कांटे भी मिलेंगे,
आज गम मिले है तो कल ,
खुशियाँ भी मिलेंगी ,
जीवन जीना थोड़ा कठिन है,
पर असंभव नहीं । जिंदगी ............

आज बेजान है बगिया,
तो कल हरी भरी भी होगी,
आज क़िसमत रूठी है ,
तो कल चमकेगी भी ,
"नूतन" मंजिल तलाशना थोड़ा कठिन है,
पर असंभव नहीं। जिंदगी ..............



10 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बृहस्पतिवार (11-04-2013) के देश आजाद मगर हमारी सोच नहीं ( चर्चा - 1211 ) (मयंक का कोना) पर भी होगी!
    नवसवत्सर-2070 की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ!
    सूचनार्थ...सादर!

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  2. आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 13/04/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

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  3. सच्चाई है ....कभी खुशी कभी गम

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  4. बहुत ही उत्कृष्ट प्रस्तुति,आभार.

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  5. बहुत ही बढ़िया




    सादर

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  6. संवेदनशील रचना अभिवयक्ति.....

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  7. Well said.Please visit my blog http:// Unwarat.com & read my latest story.After you finish reading the story please give your suggestions & remarks.
    vinnie

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  8. Well said!Please visit my blog http://unwarat.com & read my latest story-"ni subah"After you finish reading story do give your comments.
    vinnie

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