ज़िंदगी हारना आसान है जीना कठिन।
जीवन एक आग का दरिया है ,
पार कर जाना थोड़ा कठिन है ,
पर असंभव नहीं ।
कहीं फूल खिले है ,
तो कहीं कांटे भी मिलेंगे,
आज गम मिले है तो कल ,
खुशियाँ भी मिलेंगी ,
जीवन जीना थोड़ा कठिन है,
पर असंभव नहीं । जिंदगी ............
आज बेजान है बगिया,
तो कल हरी भरी भी होगी,
आज क़िसमत रूठी है ,
तो कल चमकेगी भी ,
"नूतन" मंजिल तलाशना थोड़ा कठिन है,
पर असंभव नहीं। जिंदगी ..............
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बृहस्पतिवार (11-04-2013) के देश आजाद मगर हमारी सोच नहीं ( चर्चा - 1211 ) (मयंक का कोना) पर भी होगी!
नवसवत्सर-2070 की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ!
सूचनार्थ...सादर!
आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 13/04/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeleteसच्चाई है ....कभी खुशी कभी गम
ReplyDeleteबहुत ही उत्कृष्ट प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeletesach kaha apne
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
संवेदनशील रचना अभिवयक्ति.....
ReplyDeleteSunder rachna
ReplyDeleteWell said.Please visit my blog http:// Unwarat.com & read my latest story.After you finish reading the story please give your suggestions & remarks.
ReplyDeletevinnie
Well said!Please visit my blog http://unwarat.com & read my latest story-"ni subah"After you finish reading story do give your comments.
ReplyDeletevinnie