Saturday 2 March 2013

बोलने से पहले

बोलने से पहले ,
कुछ कहने से पहले ,
जरा कुछ तो सोंचो ,
फिर बोलो ,कहीं ऐसा न हो ,
बोल बोल के बोल डाला ,
सामने वाले को यूं ही ,
अपनी खुशी की खातिर ,
अपनी झूंठी शान की खातिर ,
अपने झूंठे अहं की खातिर ,
बेवजह , बेमतलब कह डाला ,
...
जिह्वा तो बेचारी खुद ही ,
बत्तीस दांतों की निगरानी मे ,
आपके अधीन, फिर काहे को
न सोचा न समझा
न तोला न जांचा बस ,
बोलने की खातिर ,
बोल डाला ।
नहीं कोई काम है बंदूक और तलवार का ,
,जब जिह्वा अपने पास है ,
कोयल का भी कोई काम नहीं
जब जिह्वा अपने पास है ।
इसलिए , बोलने से पहले ,
कुछ कहने से पहले ,
रुको !!!!!!!!!!

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