Monday, 28 January 2013

हुआ सवेरा

विहंगो की मधुर ध्वनि से,
 नीरवता का आवरण टूटा ।
 रवि रश्मियों ने भास्कर के,
  आगमन का आगाज किया ।
आलोकित हुआ सारा जगत,
 पुलकित हुई मानवता ।
पुनः सृष्टि का नव संचार हुआ,
 नवजीवन पाया धारिता ने ।
चंहु ओर खिले कुसुम ,
कोयल ने अपना गीत सुनाया ।

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