Friday 25 January 2013

क्या ये सही है ?

वर्तमान मे जाति और समाज मे फैली हुई  तमाम बुराइयों तथा दहेज लेने आदि कुरीतियाँ , विवाह तथा अन्य अवसरों पर धन का अतिशय अपव्य्य , रेल यात्रा के समय जगह रहते हुये भी अपने डिब्बे मे किसी को नहीं घुसने देना , किसी भी श्रेणी का टिकट लेकर किसी भी श्रेणी के डिब्बे मे चढ़ जाना , फिर झगड़ा करना या किसी नेता की दुहाई देना या राजनैतिक हनक दिखा कर दूसरों को परेशान करना , हाकिम या पंच बन कर पक्षपात करना , चोरी ,कपट , व्यापार मे झूँठ , सरकारी कर्मचारियों के साथ मिलकर रिश्वत खोरी , चोरी , तथा अनैतिकता मे सहायता करना , मद्यपान, मांसभक्षण , स्त्रियॉं से छेड़ खानी तथा बलात्कार करना और उनसे जीने का हक़ भी छिन लेना ,  माता पिता के जीवित रहते उनकी देखभाल और सेवा न करना , अपने बड़ों का अपमान इसलिए करना  कि वे आपके स्तर के नहीं है , आप उनसे ज्यादा उच्च स्तरीय हैं , किसी कि भी भावनाओं की कद्र केवल इसलिए न करना कि आप अपने अहंकार को छोड़ नहीं सकते , अपने अंतर्गत काम करने वालों को केवल इसलिए  अपमानित  करना कि वे आपके अधीन है और आपका सेवक है , धर्म का अपमान केवल इसलिए कि वह आपके इंगलिश स्टाइल को हर्ट करता है ,  बुजुर्गों का अपमान इसलिए कि वे ओल्ड जेनरेशन है और आपकी इज्जत मे बाधक है ।

क्यों भूल जाते हो कि जब ये खुद आपके साथ गुजरता है तब यथार्थ का अहसास होता है ।

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