बड़े दुःख की बात है कि हमारे देश के वीर सिपाहियों की शहादत के बाद फिर एक हफ्ते बाद प्रधानमंत्री जी ने मुह खोला , इससे पूर्व दिल्ली रेप केस मे भी पीएम जी सोते रहे और एक हफ्ते बाद मुंह खोला । क्या कारण है कि पीएम जी एक हफ्ते से पहले बोल ही नहीं पाते है ?
क्या वे इंतजार करते है कि कोई उनकी जगह बोल दे ?
क्या वे इतने आलसी है कि कोने मे दुबके रहना उनकी फितरत हो गई है ?
क्या उनके ऊपर कोई और है जो उन्हे चुप रहने को मजबूर करता है ?
क्या हमारे देश के वीरों की भी उनकी नजर मे उतनी ही इज्जत है जितनी पड़ोसी मुल्क की ?
क्या वे इंतजार करते है कि कोई उनकी जगह बोल दे ?
क्या वे इतने आलसी है कि कोने मे दुबके रहना उनकी फितरत हो गई है ?
क्या उनके ऊपर कोई और है जो उन्हे चुप रहने को मजबूर करता है ?
क्या हमारे देश के वीरों की भी उनकी नजर मे उतनी ही इज्जत है जितनी पड़ोसी मुल्क की ?
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