Sunday, 13 January 2013

माँ भारती के सपूत

कुछ दिन तुम्हें याद करेंगे ,
हे भारत माँ के वीर सपूतों ,
कुछ दिन रोएँगे चिल्लाएँगे ,
कुछ इनको कुछ उनको कहेंगे ,
आज इनके तो कल उनके ,
अधिकारों की लड़ाई लडेगे, ,
फिर एक दिन सब भूल जाएंगे ,
न कोई वीर याद रहेगा ,
न कोई शहीद ,
अब तलक,जैसे कोई याद नहीं ,
एक दिन फिर जाग उठेंगे ,
जब होगा फिर कोई वीर शहीद ।
हम , जो घरों मे चैन से बैठें है ,
जिसकी वजह सिर्फ तुम हो,
यह भी तो नहीं कह सकते कि,
मत लड़ो जंग , मत उठाओ शस्त्र ,
जिन रंगों को तुम भूल गए हो,
उन मेंहदी वाले हाथों को ,
गोद मे खेलते अपने शिशुओं को ,
बूढ़ी पथराई आँखों को ,
हरी भरी माँ को ,
लौट आओ दे दो अभिनव दान ,
मंजुल गीत ,मधुर गान ।
हे भारत माँ के वीर सपूतों
करती हूँ तुम्हें शत शत नमन ।

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