Friday, 2 May 2014

ऐसे नेता को क्या कहिए // व्यंग्य रचना

ऐसे नेता को क्या कहिए
जो पीटे हिन्दू मुस्लिम राग
सांप्रदायिकता का बिगुल
बजा कर लगाये देश मे आग 
ऐसे नेता .......
जिनका कोई ईमान नहीं 
धर्म से कोई प्रेम नहीं 
राष्ट्र प्रेम का ढोंग दिखाएँ 
बेबस जनता को लूटें खाएं 
ऐसे नेता .......
गिरगिट से होते नेता 
पल मे रंग बदलते नेता 
पल मे तोला पल मे माशा 
खूब दिखाते रोज तमाशा 
ऐसे नेता .......
हाथ जोड़ ये दौड़े आते 
झोली फैला वोट मांगते 
नंगे पाँव सड़क पर चलते 
जनता के भोलेपन को छलते
ऐसे नेता .......
संसद हो या सड़क खूब मचाएँ शोर 
फडकाएं  बाजू और दिखलाएं ज़ोर 
देते मूँछों पर रह रह  ताव 
जनता की हरदम डुबोए नाव 
ऐसे नेता .......
कटते जाएँ सीस पर सीस 
ये   बेगैरत  काढ़ें  खीस 
हुआ धमाका खुल गई पोल 
बज रही थी कारनामो की ढ़ोल 
ऐसे नेता .......
जीत जब ये पाएँ कहीं 
फिर पहचान पाएँ नहीं 
दर दर भटके बेबस जनता 
पर अब इसका काम न बनता 
ऐसे नेता .......
इनका चलता ए सी फुल 
जनता की रहती बिजली गुल 
सफ़ेद पोश ये करते लक दक 
सुख सुविधाओं पर इनका हक 
ऐसे नेता .......
रंगे सियार ये कहायेँ 
निस दिन गंगा मे नहाएँ 
यहाँ वहाँ करके रैली 
मानस गंगा करते मैली 
ऐसे नेता .......
नेता लाओ ऐसा अब चंगा 
किसी लहू से जो ना रंगा 
भ्रष्टाचारी को कर दे नंगा 
जो ना भड़काए देश मे दंगा 
ऐसे नेता .......

13 comments:

  1. शुभ प्रभात
    वो ऐसा होता है
    तभी तो
    नेता बन जाता है
    सादर

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    1. जी यशोदा दी अपने सही कहा । आपने हमारी रचना को समय दिया आपका आभार ।

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    1. आ0 मनी राम जी आपने रचना पर समय दिया आपका हार्दिक आभार ।

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  3. आज के नेताओं की सही तस्वीर खींची है ! परफेक्ट निशाना !

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    1. धन्यवाद आ0 साधना दी , आपका स्नेह और मार्ग दर्शन सदैव यूं ही मिलता रहे । आपका आभार ।

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  4. नमस्ते जी।
    सुप्रभात।
    शनिदेव आपका कल्याण करें।
    आपका दिन मंगलमय हो।
    --
    अच्छी प्रस्तुति।

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    1. आ0 शास्त्री सर प्रणाम , आपको रचना पसंद आई मै कृतार्थ हुई । आभार आपका ।

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  5. apane bahut kuchh likha in begerat logo ke bare me. bahut sundar magar inake poorn varnan ke liye abhi bhasha ke shabdkos me shabd nahi hai.

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  6. जी आपने सही कहा ! शब्द कोश मे शब्द नहीं है वर्णन करने के लिए । आपका आभार आपने रचना पर समय दिया

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  7. हम बदलेंगे
    युग बदलेगा

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  8. हाथ जोड़ ये दौड़े आते
    झोली फैला वोट मांगते
    नंगे पाँव सड़क पर चलते
    जनता के भोलेपन को छलते
    ऐसे नेता ........................ bilkul sahi kaha aapne..in netaon ke chritra ka sateek varnaan

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  9. बहुत सुन्दर ...

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