नीले पीले हरे जामनी और
सुनहरे पंखो वाली तितली
उड़ती उड़ती जा बैठी
आँगन के खिले गुलाबों पर
कभी चम्पा कभी चमेली पर
इधर फुदकती उधर फुदकती
मटक कर उड़ जाती फुर्र
मुन्ना बोला सुन री तितली !
कहाँ से लाई सुंदर पंख
धब्बेदार कोई चक्त्ते वाला
बेल सुनहरी कोई बूटे वाला,
मुंछों पर ताव दे मुस्काई
बोली मेरी सुंदर काया है
केवल प्रभु ने
मुझे तेरे लिए बनाया है
मुसकाती तितली आ बैठी
मुन्ने की छोटी हथेली पर
बाग बगीचे सुंदर फूल
पर तुझे बनाया प्यारा फूल ।
Nice poem for children.
ReplyDeleteVinnie
बहुत सुन्दर ,मन को नचाती कविता ..
ReplyDeleteबच्चों को भाएगी यह कविता...
ReplyDeleteसुन्दर+ सराहनीय प्रयास www.jamosnews.com
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