नूतन ( उद्गार)
मन के भावों को जो कभी भी किसी भी रूप मे उद्धरत होते है .
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Monday, 24 June 2013
Benakab: मधु सिंह : तुम न आये
Benakab: मधु सिंह : तुम न आये
: तुम न आये सो गये सब दिये शाम के वक्त ही जिंदगी जिंदगी से उलझती गई रात आती रही रात जात...
1 comment:
annapurna
24 June 2013 at 08:37
very well written .
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very well written .
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