Tuesday, 28 May 2013

कटु सत्य

लैप टॉप की राजनीति

आजकल हमारे मुख्यमंत्री जी काफी सुर्खियों मे है वे हर जगह लैप टॉप का लाली पॉप  बांटते नजर आ रहे है। शायद कुछ चमचे टाइप लोगो को मेरा कथन बुरा लगे लेकिन सत्य तो सत्य ही होता है, आखिर जिस पैसे का इस्तेमाल वे इन फालतू के कामों मे कर रहे है वह पैसा हमारा आपका है जो हम टैक्स के रूप मे देते हैं , हमे कहने का पूरा हक़ है कि मुख्यमंत्री जी अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं कर रहे है सिर्फ वोटो के लिए इन लैप टॉप्स को ऐसे लोगों के हाथों मे दिया जा रहा है जिनहे इनके प्रयोग के विषय मे भी नहीं पता है । इसके स्थान पर वे कुछ विद्यालय खोल देते वहाँ हर गरीब को मुफ्त शिक्षा का प्रावधान होता समाज को आधुनिक शिक्षा प्रणाली के तहत वे कम्यूटर कि शिक्षा मुफ्त करते और कुछ ऐसे आवास बनवाते जिसका इस्तेमाल वे उन गरीबों को देकर करते जो वाकई मे जरूरत मंद है , अस्पताल बनवाते जहां गरीबो के लिए मुफ्त चिकित्सा का प्रावधान होता यहाँ मै सिर्फ गरीबों की ही बात कर रही हूँ जो किसी भी जाति का हो सकता है कुछ रोजगार परक कार्यक्रम चलाते जिनसे उन लोगो के घरों मे भी चूल्हा जलता जो शायद एक वक्त की रोटी भी नहीं कमा पाते हैं या ये पैसा वे किसी जर्जर हो रहे विद्यलय , अस्पताल, दफ्तर इत्यादि कि मरम्मत मे लगाते या वे जगह जगह पानी के लिए व्यवस्था करवाते टूटी सड़कें ठीक करवाते  तो शायद इतना बुरा न लगता । इन विवेकहीन कार्यक्रमों के चलते वे हमारा आपका मेहनत से कमाया गया पैसा बर्बाद कर रहें हैंऔर कुछ नहीं ।
 इनसे पहले  मुख्य मंत्री जी ने सारा पैसा अपनी मूर्तियाँ लगवाने मे बर्बाद किया है यहाँ तक कि उन्होने अपनी जाति के लोगो के लिए भी कुछ नहीं किया , इनके आने से कुछ आशा बंधी थी कि नई उम्र के हैं कुछ भला करेंगे लेकिन यहाँ भी वही वोटों की राजनीति कभी कन्या धन , कभी विद्याधन और अब लैप टॉप । क्या वे ये जानते हैं कि जो कुछ वे बाँट रहे है वो सही जगह जा रहा है या सही इस्तेमाल हो रहा है ।

जागिए और इस तरह हमारी मेहनत का पैसा यूं बर्बाद मत कीजिये

5 comments:

  1. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल गुरुवार (३०-०५-२०१३) को "ब्लॉग प्रसारण-११" पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है.

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  2. व्यावहारिक आलेख। मेरे ब्लॉगपर भी आपका स्वागत है। ब्लॉग पसंद आने पर सदस्य के रूप में शामिल होकर प्रोत्साहित अवश्य करें।

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  3. ekadam sahi baat magar svatantrata se lekar aaj tak yahi hota aaraha hai yanhan to.

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